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पाकिस्‍तानी अरबपति का दावा, भारत- पाकिस्‍तान में चल रही बातचीत, पीएम मोदी जाएंगे इस्‍लामाबाद !

भारत और पाकिस्‍तान के रिश्‍तों को लेकर पाकिस्‍तान के अरबपति बिजनसमैन मियां मांशा ने बड़ा दावा किया है। मियां मांशा ने कहा कि भारत और पाकिस्‍तान के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत जारी है। उन्‍होंने यह भी दावा किया कि अगर हम मिलकर कार्य करते हैं तो एक महीने में पीएम मोदी पाकिस्‍तान का दौरा कर सकते हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि कोई भी स्‍थायी शत्रु नहीं होता है…हमें भारत के साथ चीजों को ठीक करने की जरूरत है।
पाकिस्‍तान बहुराष्‍ट्रीय कंपनी निशात ग्रुप के प्रमुख मियां मांशा ने कहा कि 1965 की जंग के पहले तक भारत के साथ पाकिस्‍तान का 50 फीसदी व्‍यापार होता था। मियां मांशा ने कहा कि हमें शांति की जरूरत है। भारत के पास अच्‍छी तकनीक है। हमारे पास भी ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो हिंदुस्‍तान को दे सकते हैं। इसलिए कोई भी स्‍थायी शत्रु नहीं है। इतनी गरीबी है, हमें भारत के साथ चीजों को सुधारने होगा।
‘मोदी सरकार के अंतर्गत मेलमिलाप की संभावना नहीं’ : पाकिस्‍तानी अरबपति का यह दावा ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में जारी पहली राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति में पाकिस्‍तान ने भारत के साथ शांति पर जोर दिया था। पिछले दिनों राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति से जुड़े एक अधिकारी ने पाकिस्‍तानी अखबार एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून से कहा था, ‘हम अगले 100 साल तक भारत के साथ बैर नहीं करेंगे। इस नई नीति में पड़ोसी देशों के साथ शांति पर जोर दिया गया है।’ उन्‍होंने कहा कि इस मुद्दे पर अगर बातचीत और प्रगति होती है तो इस बात की संभावना है कि भारत के साथ पहले की तरह से व्‍यापार और व्‍यवसायिक संबंध सामान्‍य हो सकते हैं।
पाकिस्‍तानी अधिकारी ने यह भी कहा कि नई दिल्‍ली में वर्तमान मोदी सरकार के अंतर्गत भारत के साथ मेलमिलाप की कोई संभावना नहीं है। पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान नई राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति को शुक्रवार को लॉन्‍च करेंगे। पाकिस्‍तान अपनी राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति के केवल एक हिस्‍से को ही सार्वजनिक करेगा बाकी का हिस्‍सा गोपनीय रखा जाएगा। इस सुरक्षा नीति को बनाने में पाकिस्‍तानी सेना ने अहम भूमिका निभाई है।
यूएई ने भी भारत-पाकिस्‍तान के बीच दोस्‍ती कराने के लिए प्रयास किए : इससे पहले भारत और पाकिस्‍तान की सेनाएं सीजफायर को कड़ाई से लागू करने पर सहमत हुई थीं। ऐसी खबरें आई थीं कि अफगानिस्‍तान में तालिबान राज आने से पहले भारत और पाकिस्‍तान के बीच पर्दे के पीछे बातचीत शुरू हुई थी। कहा यह भी गया था कि भारत और पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दो शीर्ष अधिकारी किसी तीसरे देश में मिले भी थे। वहीं यूएई ने भी भारत-पाकिस्‍तान के बीच दोस्‍ती कराने के लिए काफी प्रयास किया था।