इसमें कोई दोराय नहीं कि शादी से पहले लड़का और लड़की का एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझ लेना शादी को लंबे समय तक चलाने के लिए जरूरी है। लेकिन इसके लिए बिना शादी किए एक साथ रहना यानी की लिव-इन में रहने की जरूरत नहीं होती है। आज के समय में कपल इसे अपने रिश्ते के लिए एक महत्वपूर्ण कदम समझने लगा है। शादी के लिए एक सही जीवनसाथी का चुनाव वह इसी आधार पर करना ज्यादा सही मानता है। पर ऐसा करने से पहले, यदि आप अपने पार्टनर के साथ जीवन भर खुश रहना चाहते हैं, तो शादी के बिना साथ रहने के फायदे और नुकसान को अच्छी तरह से जान लेना आपके लिए बहुत जरूरी है।
एक्सपर्ट की सलाह – रिलेशनशिप कोच और प्रिडिक्शन्स फॉर सक्सेस के फाउंडर विशाल भारद्वाज बताते हैं कि आजकल लिव-इन शब्द काफी चलन में है, जो यूरोपीय सोसायटी से धीरे-धीरे भारत के बड़े शहरों तक आ पहुंचा है। हिंदी सिनेमा जगत में भी ये बहुत आम बात है। बहुत से नामी अभिनेता और अभिनेत्री लिव-इन रिलेशन में रहते हैं और जाहिर सी बात है कि इसका असर हमारे युवा वर्ग पर पड़ा है।
देखा जाए तो ज्यादातर युवा शादी के बिना साथ रहने वाले कॉन्सेप्ट से सहमत है। उन्हें इसमें सिर्फ फायदा ही फायदा नजर आता है। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है जो नुकसान से भरा हुआ है, जिसे नजरअंदाज करना मूर्खता से कम नहीं।
क्या है लिव-इन रिलेशनशिप – लिव-इन रिलेशन का मतलब है शादी किये बिना लड़का और लड़की एक दूसरे के साथ पति-पत्नी की तरह एक ही घर में रहते हैं। यानी कि दोनों के बीच मानसिक और भावनात्मक संबंध के साथ-साथ शारीरिक संबंध भी बनता है।
भले ही भारतीय समाज में इसे स्वीकृति हासिल नहीं है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2014 में कानूनी तौर पर लिव-इन रिलेशन को मान्यता और संरक्षण दे दिया है।
शादी के बिना साथ रहने के फायदे – लिव-इन रिलेशन में रहने पर कपल में एक-दूसरे के प्रति भावनात्मक, मानसिक और यौन समझ बढ़ती है। कहीं ना कहीं उनके लिए ये जानना आसान हो जाता है कि वे जीवन भर एक दूसरे के साथ रहना पसंद करेंगे या नहीं। साथ ही कपल्स एक-दूसरे की आदतें, दिनचर्या, जीवनशैली और रिश्ते में अपनी जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। इसमें घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ इसमें आर्थिक जिम्मेदारियां भी शामिल होती हैं। क्योंकि साथ घर को चलाने के लिए सिर्फ प्यार और रोमांस काफी नहीं है।
इसके अलावा जो लिव-इन रिलेशनशिप का सबसे बड़ा फायदा है कि साथ खुश ना रहने पर आप आसानी से अलग हो सकते हैं। इसके लिए आपको कानून या समाज के सवालों का सामना नहीं करना होता है।
लिव-इन में रहने के नुकसान – लिव-इन रिलेशन में कोई लीगल कमिटमेंट नहीं होता है, इसलिए कपल्स को ये डर हमेशा रहता है कि उनका साथी उन्हें छोड़ ना दे। साथ ही यदि लिव-इन रिलेशन का अनुभव अच्छा न हो तो व्यक्ति के मन में नये रिश्ते के लिए हमेशा डर बना रहता है।
इसके अलावा इससे लोग कुछ समय के बाद बोर हो जाते हैं और नए लोगों की तरफ आकर्षित होने लगते हैं। इससे ट्रस्ट इश्यू होने का खतरा रहता है। लिव-इन रिलेशन में छोटी सी बात पर मनमुटाव या झगड़ा होने पर रिश्ता खत्म होने की नौबत आ सकती है। साथ ही समाज में इसकी स्वीकृति ना होने से मुसीबत की घड़ी में सगे-संबंधियों से मदद मांगना बहुत मुश्किल होता है। इसके कारण आजकल कई क्राइम भी हो रहे हैं।
निष्कर्ष – एक्सपर्ट का कहना हैं कि लिव-इन रिलेशन में रहना है या नहीं सबका अपना फैसला है। लेकिन इसके फायदे और नुकसान का सही तरह से मूल्यांकन करना सबके लिए बहुत जरूरी है।
क्योंकि लिव-इन रिलेशन ना ही सफल शादी की गारंटी देता है और ना ही भविष्य की चुनौतियों को रोकता है। हर रिश्ता अनोखा है और रिश्ते को कायम रखने के लिए प्यार, विश्वास, आपस में दोस्ती जरूरी है, फिर चाहे कपल शादी के रिश्ते में रहें या लिव-इन रिलेशन में रहें।
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