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ब्रेन डेड मां ने 56 दिन बचाए रखी अपने बच्चे की जान


एक बच्चे के लिए दुनिया में मां से बढ़कर कोई नहीं होता। इसकी एक उदाहरण पुर्तगाल के एक अस्पताल में देखने को मिली जब दिमाग से मृत घोषित एक महिला ने अपने बच्चे की जान बचा ली। इस चमत्कार से डाक्टर भी हैरान हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुर्तगाल के सेंट जॉन अस्पताल में पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कैटरीना सेकुरीन(26) दिसंबर से ब्रेन डेड अवस्था मे भर्ती थीं।
दिसंबर में कैटरीना जब कोमा में गईं तब वह 19 हफ्ते की गर्भवती थीं। कैटरीना को दिसंबर महीने में अस्थमा का दौरा पड़ा था। यह दौरा इतना खतरनाक था कि वह सीधे कोमा में चली गईं। अस्पताल में भर्ती करने पर डॉक्टरों ने 26 दिसंबर को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। पिछले 56 दिनों से कैटरीना अस्पताल में भर्ती थीं। चूंकि, वह गर्भवती थीं इसलिए उन्हें वेंटिलेटर पर जीवित रखा गया था।
डॉक्टर चाहते थे कि उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाया जा सके। साथ ही गर्भ कम से कम 32 हफ्ते का हो ताकि बच्चे के जन्म के दैरान कोई परेशानी न हो। कुछ दिन पहले कैटरीना की तबीयत अचानक तेजी से बिगड़ने लगी। उनकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर बच्चे को बाहर निकल दिया। बच्चे की डिलिवरी के बाद कैटरीना की मौत हो गई। बच्चे को अस्पताल में तीन हफ्ते तक रखा जाएगा। कैटरीना की मां ने कहा कि जहां एक ओर नाती के जन्म से वह बेहद खुश हैं तो वहीं बेटी की मौत से आहत हैं। नाती का नाम उन्होंने साल्वाडोर रखा है।
उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी की कमी को तो पूरा नहीं कर सकती, लेकिन उन्हें फिलहाल सल्वाडोर की परवरिश पर ध्यान देना होगा। पुर्तगाल के कानून के अनुसार ब्रेनडेड गर्भवती महिला को भी बच्चे को जन्म देने का पूरा अधिकार है। इसलिए कैटरीना के परिवार की इच्छा के अनुसार उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया ताकि गर्भ को बढ़ने दिया जा सके। पुर्तगाल में ब्रेन डेड महिला के मां बनने का यह दूसरा मामला है।