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इंजीनियर बनना चाहते थे: परेश रावल

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मुंबई:  बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता परेश रावल अपने दमदार अभिनय से लगभग तीन दशक से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं लेकिन वह पहले इंजीनियर बनना चाहते थे। परेश का जन्म 30 मई 1950 को हुआ था। बाइस वर्ष की उम्र में पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मुंबई आ गए और सिविल इंजीनियर के रूप में काम पाने के लिए संघर्ष करने लगे। उन्ही दिनों उनके अभिनय को देखकर कुछ लोगों ने कहा कि वह अभिनेता के रूप में अधिक सफल हो सकते है।

उन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत 1984 में प्रदर्शित फिल्म ‘होली’ से की। इसी फिल्म से आमिर खान ने भी अभिनेता के रूप में अपने सिने कैरियर की शुरूआत की थी। इस फिल्म के बाद परेश को हिफाजत, दुश्मन का दुश्मन, लोरी और भगवान दादा जैसी फिल्मों में काम करने का अवसर मिला लेकिन इनसे उन्हें कुछ खास फायदा नहीं हुआ। वर्ष 1986 में परेश को राजेन्द्र कुमार निर्मित फिल्म ‘नाम’ में काम करने का अवसर मिला। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई और वह खलनायक के रूप में कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए।

फिल्मों की सफलता के बाद परेश ने सफलता की नई बुलंदियों को छुआ और अपनी अदाकारी का जौहर दिखाकर दर्शको को भावविभोर कर दिया। वर्ष 1993 परेश रावल के सिने कैरियर का महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी ‘दामिनी’, ‘आदमी’ और ‘मुकाबला’ जैसी सुपरहिट फिल्में प्रदर्शित हुई। फिल्म सर के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ जबकि फिल्म वो छोकरी में अपने दमदार अभिनय के लिए वह ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ से भी समानित किए गए।

वर्ष 1994 में प्रदर्शित फिल्म ‘सरदार’ परेश कैरियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में एक है। केतन मेहता निर्मित इस फिल्म में उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी वल्लभ भाई पटेल की भूमिका को रूपहले पर्दे पर जीवंत कर दिया। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय से उन्होंने न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर’ पर भी अपनी अलग पहचान बना ली। उन्होंने अपने भावपूर्ण अभिनय से दर्शकों के साथ ही समीक्षकों का भी दिल जीत लिया।