
संयुक्त राष्ट्र: जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र से आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयास में चीन द्वारा लगाए गए तकनीकी अड़ंगे की छह महीने की वैधता जल्द ‘‘खत्म’’ हो जाएगी और यदि बीजिंग भारत की कोशिश में फिर से अड़ंगा नहीं लगाता है तो पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड को प्रतिबंधित किया जा सकेगा।
इस साल 31 मार्च को जैश ए मोहम्मद के सरगना पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के अंतर्गत प्रतिबंध लगवाने के भारत के प्रयास को परिषद के वीटो अधिकार प्राप्त स्थाई सदस्य चीन ने बाधित कर दिया था। पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में चीन ही एकमात्र एेसा देश था, जिसने भारत के आवेदन पर अड़ंगा लगाया था, जबकि सभी 14 अन्य सदस्यों ने अजहर का नाम 1267 प्रतिबंध सूची में डालने के लिए भारत के प्रयास का समर्थन किया था।
अजहर का नाम इस प्रतिबंध सूची में आ जाने पर उसकी संपत्तियों को जब्त किया जा सकेगा और उस पर यात्रा प्रतिबंध लग जाएगा। सूत्रों ने बताया कि तकनीकी अड़ंगे की छह महीने की वैधता लगभग एक सप्ताह 10 दिन में ‘‘खत्म’’ होने वाली है और यदि चीन दोबारा से किसी बहाने प्रस्ताव पर रोक की मांग नहीं करता या वीटो का इस्तेमाल नहीं करता तो अजहर को आतंकवादी घोषित करने की मांग वाला भारत का प्रस्ताव स्वत: पारित हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 14 अन्य सदस्य पहले ही भारत के प्रयास का समर्थन कर चुके हैं और तकनीकी अड़ंगे की अवधि खत्म होने तथा चीन की तरफ से दोबारा कोई आपत्ति नहीं किए जाने का आवश्यक रूप से यह मतलब होगा कि अजहर का नाम प्रतिबंध सूची में डालने की मांग का कोई विरोध नहीं है।
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