Thursday , March 28 2024 9:07 PM
Home / Interviews / पिंक बॉल की स्विंग और ऑस्ट्रेलियाई कंडीशन्स भारत के लिए चुनौती बनी – अंजुम चोपड़ा

पिंक बॉल की स्विंग और ऑस्ट्रेलियाई कंडीशन्स भारत के लिए चुनौती बनी – अंजुम चोपड़ा

साक्षात्कार : विवेक शर्मा

एडिलेड टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार के बाद अब हार के कारणों के बारे में चर्चा शुरू हो गई है… क्रिकेट के जानकारों के मुताबिक पिंक गेंद का ज्यादा स्विंग होना ही भारतीय बल्लेबाजों पर भारी पड़ा… क्रिकेट एक्सपर्ट एवं कॉमेंटेटर तथा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा के मुताबिक “ पिंक गेंद ज्यादा स्विंग करती है क्योंकि उसमें ज्यादा ‘लेकर’ या शाईन होती है… इसी वजह से पिंक गेंद ज्यादा हिलती है.. साथ ही जब गेंद ज्यादा स्विंग करती है और उसकी रफ्तार भी तेज होती है तो बल्लेबाज को जल्दी रिएक्ट करना होता है.. लिहाजा पिंक गेंद के बल्ले से लगने के चांस यानी ‘एज’ लगने के चांस भी ज्यादा होते हैं ”.. यानी गेंदबाज के पास विकेट लेने का मौका ज्यादा होता है… और शायद यही कारण रहा कि दिन-रात के टेस्ट मैच में सभी भारतीय बल्लेबाज दूसरी पारी में कुल मिलाकर 36 रन ही बना पाए.. इस दौरान कमिंस ने चार और हेजलवुड ने पांच विकेट लिए थे…

तो क्या भारतीय टीम अब आने वाले तीन टेस्ट मैचों में आसानी से ऑस्ट्रेलियाई चुनौती का सामना कर पाएगी, क्योंकि सीरीज के बचे हुए तीनों मैच पिंक बाल से नहीं बल्कि रेड बॉल से खेले जाएंगें और साथ ही दिन-रात के मैच के बजाय अब सभी मैच दिन में होंगे… इस पर अंजुम बताती हैं कि पिंक बॉल ही सिर्फ हार का कारण नहीं रही बल्कि “ऑस्ट्रेलिया की चुनौतीपूर्ण कंडीशन्स टीम इंडिया के लिए मुश्किल थी… ऑस्ट्रेलिया में पेस और बाउंस निश्चित रुप से होता है और उसे काउंटर करना भी एक चुनौती है…” जैसा कि एडिलेड टेस्ट में देखने को मिला, दूसरी पारी में सभी भारतीय बल्लेबाजों के विकेट ऑस्ट्रेलियाई तेंज गेंदबाजों के नाम ही रहे और उसकी वजह पेस और बाउँस ही रही… उसके उलट भारतीय पिचों पर टेस्ट मैच खेलना आसान होता है… मिसाल के तौर पर साल 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट टेस्ट मैच भारतीय टीम ने 649 का विशाल स्कोर खड़ा किया था इसकी वजह पेस और बाउंस का कम होना ही था…

खैर, बीती बातों को भुलाकर अब आगे की ओर देखने में ही भलाई है… ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज में मेजबान टीम ने सीरीज में पहले ही 1-0 की बढ़त बना ली है… उस पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान पितृत्व अवकाश (पैटरनिटी लीव) पर जा रहे हैं जिसकी कमी टीम इंडिया को काफी खल सकती है…वहीं मोहम्मद शमी की चोट ने भी टीम की मुश्किलों की फेहरिस्त को और लंबा बना दिया है… ऐसे मुश्किलों भरे वक्त के बावजूद क्रिकेट फैन्स भारतीय टीम से उम्मीदें लगाए हुए हैं और सभी की नजरें सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच पर होगी जो 26 दिसंबर से मेलबर्न में शुरू होने वाले है… यानी चुनौती सिर्फ खिलाड़ियों के लिए ही नहीं बल्कि दर्शकों के लिए भी है क्योंकि मेलबर्न टेस्ट भारतीय समय के अनुसार सुबह पांच बजे से शुरू होगा.

क्योंकि दिन-रात के क्रिकेट में गेंद की विज़िबिलिटी जरूरी होती है… इस वजह से पिंक गेंद का इस्तेमाल किया जाता है…

साथ ही पिंक गेंद की खासियत ये होती है कि शाम को जब दिन ढ़लता है और रात की शुरुआत होती है तब स्विंग होती है…जिसे अग्रेंजी में ट्विलाईट भी कहा जाता है शाम साढ़े पांच बजे के आस-पास  लेकिन पिंक गेंद की खिलाड़ियों को अभी ज्यादा आदत नहीं हुई है इसलिए परेशानी होती है लेकिन अगर वनडे क्रिकेट में भी इस्तेमाल होने लगे तो पिंक गेंद की पिटाई भी बल्लेबाज ज्यादा कर सकते हैं..