बिहार: बिहार में एक इलेक्ट्रॉनिक की दुकान चलाने वाले का 15 वर्षीय बेटा प्रभाकर जयसवाल ने देश भर के वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। प्रभाकर ने अपने प्रोजेक्ट के कारण पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों से शाबाशी बटोरीे है। उसने सोलर वेपन तकनीक विकसित की है। अगर उसकी यह तकनीक सफल हो गई तो भारत मिसाइल के क्षेत्र में बहुत तरक्की हासिल कर लेगा।
क्या है सोलर वेपन
सोलर वेपन एक ऐसी खोज है जिसके इस्तमाल सेे एक ऐसा हथियार तैयार हो सकेगा जिसके जरिए भारत न केवल किसी भी मिसाइल और रॉकेट लॉन्चर की दिशा और दशा बदल सकता है बल्कि उन्हें नष्ट भी कर सकता है। भारत के लिए यह सम्मान की बात है कि एक 15 वर्षीय युवा देश कि सुरक्षा के लिए दिन-रात एक करके यह तकनीक भारतीय वैज्ञानिकों को दे रहा है।
523 बच्चों में यंग साइंटिस्ट इंडिया का खिताब मिला प्रभाकर को
प्रभाकर ने बताया कि उनका प्रोजेक्ट था कि जियो स्टेशनरी सैटेलाइट में सोलर एनर्जी को कैसे वेपन में रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उसने बताया कि इस सोलर वेपन को हम एंटी बैलेस्टिक मिसाइल, एंटी न्यूक्लियर मिसाइल और एंटी टैंक में इस्तेमाल कर सकते हैं साथ ही बिजली उत्पादन के क्षेत्र में सोलर वेपन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रभाकर ने यह भी बताया कि यंग साइंटिस्ट इंडिया 2016 के लिए 523 बच्चों ने पूरे भारत में ऑनलाइन अप्लाई किया था जिसमे 93 बच्चों को चुना गया और सिर्फ उसे ही यंग साइंटिस्ट इंडिया 2016 का अवार्ड दिया गया।