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चीन ने फिर किया साइंस में कमाल, बनाए ‘सुपर काउ’ के 3 क्लोन, 100 टन तक दे सकती हैं दूध


साइंस और टेक्नोलॉजी में चीन का लोहा दुनिया मानती है. चीन ऐसी कई चीजें बना चुका है जिनके बारे में पढ़कर लोगों को हैरानी होती है. चीन ने इसी कड़ी में एक और बड़ा कारनामा कर दिखाया है. उसके इस कारनामे की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है.
दरअसल, चीन दावा कर रहा है कि उसके वैज्ञानिकों ने ‘सुपर काउ’ की सफलतापूर्वक क्लोनिंग कर ली है. यही नहीं उन्होंने इस सुपर काउ क्लोन से 3 बछड़ों को जम्न देने का भी कारनामा किया है. चीन का कहना है कि सुपर काउ सामान्य गायों की तुलना में काफी अधिक दूध का दे सकती हैं. चीनी मीडिया की मानें तो इन सुपर काउ की बदौलत चीन दूध उत्पादन में दुनिया में सबसे आगे निकल जाएगा.
गाय के लिए खत्म होगी दूसरे देश पर चीन की निर्भरता – चीन की स्टेट मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सुपर गायों की क्लोनिंग में सफलता मिलने के बाद अब चीन की दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी. उसे अब गाय आयात नहीं करना होगा. ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, अभी चीन की 70 फीसदी दुधारू गायों को विदेशों से आयात किया जाता है.
एक गाय से एक साल में मिल सकता है 18 टन तक दूध – रिपोर्ट कहती है कि नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल एंड फॉरेस्ट्री साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने 23 जनवरी को ही सुपर काउ के 3 बछड़ों की सफल क्लोनिंग कर ली थी. ये तीनों बछड़े होल्स्टीन फ्रेजियन नस्ल की गायों से क्लोन किए गए हैं. इस गाय की नस्ल नीदरलैंड में पाई जाती है और इस नस्ल की एक गाय हर साल 18 टन तक दूध देती है. वहीं, इस गाय के पूरे जीवनकाल की बात करें तो यह आंकड़ा 100 टन दूध तक पहुंच सकता है.
इस तरह पूरे प्रोजेक्ट को दिया गया अंजाम – निंग्जिया के वुलिन शहर के एक अधिकारी के अनुसार, क्लोन किए गए तीन बछड़ों में से पहला 30 दिसंबर को सिजेरियन सेक्शन से पैदा हुआ था. अफसर ने बताया कि वैज्ञानिकों ने पहले तो अधिक दूध उत्पादक गायों के कान की कोशिकाओं से 120 क्लोन भ्रूण बनाए और उन्हें सरोगेट गायों के गर्भ में रख दिया. सुपर काउ प्रोजेक्ट के चीफ साइंटिस्ट जिन यापिंग का कहना है कि “हम विदेशी गायों पर चीन की निर्भरता कम करने के लिए 1,000 से अधिक सुपर गायों की नस्ल पैदा करने पर फोकस कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट पर 2-3 साल लग जाएंगे.

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